शुक्रवार को मंगलायतन विश्वविद्यालय के प्रांगण में 10 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्साह छा गया। कार्यक्रम में एनसीसी की आठवीं बटालियन के कैडेट्स, एनएसएस के स्वयंसेवकों सहित एक हजार से अधिक लोगों की भागीदारी रही। सुबह हरे-भरे मैदान पर कैडेट्स, विद्यार्थी, प्राध्यापक, कर्मचारी एक साथ एकत्रित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ एनसीसी गीत हम सब भारतीय हैं से हुआ। योगाचार्य भावना राज ने आसनों और प्राणायाम की विभिन्न शैलियों का प्रदर्शन किया। जिनमें सूर्य नमस्कार, वज्रासन, त्रिकोणासन, शवासन आदि शामिल थे। कैडेट्स के साथ विद्यार्थियों ने उत्साह और लगन से इन आसनों का अभ्यास किया। इसी के साथ योग सप्ताह का समापन भी हुआ। जिसमें प्रतिभागियों ने योग की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव किया, तनाव प्रबंधन तकनीकों और ध्यान केंद्रित करने के तरीकों को सीखा।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक बताया। उन्होंने कहा कि आज हमने जो प्रशिक्षण प्राप्त किया है उस योग को जीवन का अंग बनाए। योग न केवल शरीर व मन की उन्नति के लिए है, यह शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक व प्राणिक पूरे पंचकोशीय विकास को सुनिश्चित करता है। एनसीसी के कमान अधिकारी अजय लुंबा ने योग को अपने जीवन का आधार बनाने की अपील करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। सभी लोगों ने दैनिक जीवन में योग को शामिल करने की प्रतिज्ञा ली। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की सफलता पर प्रति कुलपति प्रो. सिद्दी विरेशम, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत ने शुभकामनाएं प्रेषित की। संचालन कैप्टन एके सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. जेएल जैन, डा. राजेश धाकड़, प्रो. सिद्धार्थ जैन, जितेंद्र यादव, लव मित्तल, रामगोपाल सिंह, डा. रेखा रानी, सूबेदार मेजर सत्यवीर सिंह, कैप्टन लक्ष्मण सिंह आदि थे।